Sachin tendulkar when sachin kidnapped
किसी भी भारतीय से पूछिये सचिन
कौन अर्थात उनके लिए सचिन शब्द का अर्थ ही क्रिकेट का भगवान है भले दूसरे विभिन्न क्षेत्रो
मे सचिन नाम के किसी भी व्यक्ति ने ख्याति प्राप्त कर ली हो लेकिन 90 के दशक मे सचिन
तेंदुलकर ने जो क्रिकेट मे नाम कमाया ऐसा कारनामा दूसरा कोई सचिन नही कर पाया भले वो
सचिन खेदेकर जैसा अभिनेता हो या सचिन पाइलेट जैसा राजनेता 98 से 2005 तक जन्मे अधिकतर बच्चो के नाम उनके माँ बाप ने सचिन तेंदुलकर के
नाम पर रखे जो आज 20 या 25 वर्ष के सचिन नाम के युवा घूम रहे है वे सब सचिन तेंदुलकर
से प्रभावित नाम के आधार पर नामकरण तय करवाए गए थे
सचिन ने क्रिकेट को भारत मे
प्रसिद्ध किया या क्रिकेट ने सचिन को लेकिन दोनों की जुगलबंदी से ऐसा समा जमा की जो
क्रिकेट के शौकीन नही थे वे भी सिर्फ सचिन के देखने के लिए क्रिकेट मैच देखा करते थे
और जो क्रिकेट प्रेमी थे वे भी सिर्फ सचिन के खेलने तक टीवी के सामने रहा करते थे ये
वो दौर था जब भारत मे सचिन की बेटिंग के वक्त रोड सुनसान हो जाते थे और सचिन के आउट
हो जाने पर टेलीविज़न सेट तक बंद हो जाया करते थे सिर्फ भारत ही नही जहां जहां क्रिकेट
लोकप्रिय है वहाँ लोग सिर्फ सचिन की बेटिंग देखने स्टेडियम तक जाया करते थे चाहे शारजाह
हो या सिडनी अर्थात सचिन की लोकप्रियता को कभी भी किसी से तुलनात्मक दृस्थि से नहीं
आँका जा सकता है सचिन जैसे शूरमे सदियो मे एकाध जन्म लेते है
आज हम बात करेंगे उन दिनों
की जब भारतीय क्रिकेट उफान की तरफ बढ़ रहा था और सचिन कांबली कुंबले श्रीनाथ जैसे युवाओ
का भारतीय टीम मे चयन हो चुका था ओर अपनी काबिलियत और प्रदर्शन के दम पर उन्होने साबित
भी कर दिया था की वे भारतीय क्रिकेट का भविष्य है एव लंबी रेस के घोड़े है जो एकाध टेस्ट
की असफलता से हार मानने वालो मे नही
सचिन के अपहरण की कहानी
दरअसल अग्निरथ चौधरी गुवाहाटी के मशहूर होटल व्यवसाई हेमेन्द्र दत्ता चौधरी के बेटे है जो हाल मे औस्ट्रेलिया रहते है बात 1992 के शुरुवाती दिनों की है जब भारतीय क्रिकेट टीम गुवाहाटी एकदिवसीय मैच के लिए आई थी और टीम मे शामिल थे उभरते सितारे सचिन तेंदुलकर विनोद कांबली वेंकटपति राजू सलिल अंकोला ओर अनिल कुंबले भारतीय टीम उस वक्त होटल बेले व्यू मे रुकी थी चूंकि होटल बेले व्यू के निदेशक अग्निरथ के पिता हेमेन्द्र थे सो अग्निरथ की भी जान पहचान सभी खिलाड़ियो से हो गयी अग्निरथ ने उभरते सितारे सचिन से वादा किया की अगर भारतीय टीम ये मैच जीतती है तो वे उन्हे असम की हसीन वादियों की सेर करवाएगे वो भी उनकी खुद की कार मे (उस दौर मे क्रिकेटरों को बाहर घूमने पर इतनी बंदिश नही थी जितनी आज के दौर मे है) सो वादे के मुताबिक भारतीय टीम मैच जीत गयी और अग्निरथ के साथ बाहर घूमने जाना तय हुआ सचिन के साथ थे वेंकटपति राजू सलिल अंकोला एव अग्निरथ के मित्र विशी भुजेल
ये वो दौर था जब भारत के पूर्वोतर राज्यो मे उल्फा आतंकवाद चरम पर था आज भी यकीन नही होता की टीम मेनेजर अजित वाडेकर ने इन खिलाड़ियो को बाहर जाने की छूट कैसे दे दी होगी????
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