आखिर क्या कारण है की इंटरनेट की दुनिया
मे गूगल सर्च अपना कब्जा जमाये हुए है ओर हाल फिलहाल गूगल को टक्कर देने
वाला कोई आस पास भी नही है????
बात 21 की सदी के उभरते समय
की है जब भारत मे इंटरनेट नया नया प्रवेश किया था और हम स्टूडेंट होने के नाते
अपने जिज्ञासु दिमाग को लेकर नेट केफे पहुँच जाया करते थे जहां प्रति घंटे 20 से लेकर 50 रु तक का चार्ज लिया
जाता था ये बात सन 2000 की है जब 20रु मे आप बस मे बैठ कर
80 से
100 किलोमीटर का सफर कर सकते थे अर्थात 20 रु की बहुत अहमियत थी
आज के दौर के 100रु
प्रति घंटे जितनी
शुरुवात मे याहू सब पर भारी था ओर उस दौर
मे लगभग हम सबने अपनी पहली ईमेल आईडी याहू के मार्फत ही बनाई थी याहू मे मेसेंजर
वाला भी ऑप्शन था जहां आप नए दोस्त बना कर चेट कर सकते थे ये शायद बाहर की दुनिया
के लोगो को इंटरनेट के जरिए एक दूसरे से जोड़ने वाला दुनिया मे पहला सिस्टम था फेसबुक और वाट्सप्प का तब जन्म भी नही हुआ था याहू के बाद कुछ
सालो तक ऑर्कुट ने भी नेट की दुनिया मे अपना कब्जा जमाया क्योकि ऑर्कुट के पास
याहू से बेहतर ऑप्शन थे सो लोग ऑर्कुट की तरफ खींचे चले आ रहे थे लेकिन सर्च इंजन
मे याहू फिर भी प्रथम था
इन सब से दूर लेरी पेज ओर सेरगे ब्रिन
नामक दो छात्रो ने 1996 मे ही एक सर्च इंजन बना लिया था जिसका नाम था GOOGLE दरअसल गूगल शब्द गुगोल
से बना था जिसका मतलब था एक के बाद सो शून्य
Google शुरूआती दिनों में
पॉपुलर नहीं हुआ। इन दोनों को लग रहा था कि Google की वजह से इनकी पढ़ाई
भी नहीं हो पा रही है। इसी कारण इन्होंने Google को बेचने का मन बनाया। इस फार्मूले को इन
दोनों नौजवानों ने Excite कंपनी को बेचना चाहा। पर
कंपनी ने इस ऑफर को ठुकरा दिया। सभी कंपनियों के मना कर देने के बाद
इन्होंने Andy Bechtolsheim नाम के investor
को अपना प्रोजेक्ट बताया। Andy को वह प्रोजेक्ट बहुत
अच्छा लगा। उसने तुरंत 1 लाख डॉलर का चेक दोनों
को दिया। इसके बाद कुछ और investor ने इसमें अपने पैसे लगाये। सितम्बर 4,
1998 में Google को एक कम्पनी में स्थापित किया गया।
लेकिन इंटरनेट की दुनिया मे कब्जा जमाना
ओर राज करना इतना आसान नही होता जितना बाहर से सबको लगता है इसलिए 2008 से पहले अमेरिका से
बाहर शायद बहुत ही कम नेट यूजर होंगे जिन्होने गूगल का नाम
सुना हो या इसका उपयोग किया हो
धीरे धीरे अपने पेज रेंक के फोर्मूले के
कारण गूगल लोगो मे चर्चित होता गया लेकिन गूगल के सामने भी सबसे बड़ी समस्या वही आ
रही थी जिस कारण से याहू ओर ऑर्कुट भी बंद होने के कगार पर थे ऐसे मे गूगल ने एक
नया फॉर्मूला निकाला जिसका नाम था गूगल एडवर्ड जो गूगल
के लिए नए नए एडवरटाइजर की व्यवस्था करता था ओर सर्च इंजन पर एड भी उस तरीके से
लगाता था जिससे आम नेट यूर्ज्स को तकलीफ भी न हो ओर गूगल का कार्य भी बदस्तर जारी
रहे गूगल का ये फार्मूला काम कर गया बड़ी बड़ी कंपनीया सस्ते दामो मे गूगल पर अपने
विज्ञापन लगवाती ओर गूगल की गाड़ी चल पड़ी इसके बाद जो हुआ वो हेरतंगेज़ था क्योकि
गूगल अपनी सारी कमाई छोटे मोटे सर्च इंजन वैबसाइट को खरीदने मे लगा रहा था गूगल
समझ गया था की इस मार्केट मे पाँव जमाने है तो अपने प्रतिद्वंदी को आस पास भी नही
भटकने देना है आप ये जान कर हेरान रह जाएंगे की वर्ष 2010 से लेकर आज तक गूगल हर
सप्ताह एक कंपनी खरीद लेता है गूगल की दूरदर्शिता इसी से साबित हो जाती है की यू
ट्यूब को उभरने से पहले ही गूगल ने करोड़ो मे खरीद लिया था जिसकी आज कीमत है लगभग 1.65 बिलियन डॉलर अर्थात
1,13,61,90,00,000रु गूगल ने जब एंडरोइड
खरीदा उसकी कीमत थी 50 मिलियन डॉलर अर्थात 3,44,30,00,000 रुपये
इसके अलावा गूगल ने जो बड़ी शॉपिंग की उसमे मोटरोला वाज़ेइयर ओर डबलक्लिक
जैसी बड़ी कंपनीया शामिल है अर्थात गूगल वालो का मेनेजमेंट इतना तगड़ा है की वे इस
स्थिति को बेहतर समझ जाते है की कोनसी कंपनी उन्हे टक्कर देने वाली है ओर कोनसी
कंपनी उनके लिए सोने का खजाना साबित हो सकती है गूगल ने अपने नाम से मिलते जुलते सारे
डोमेन खरीद लिए इसलिए आप कभी भी नेट पर गूगल सर्च करते हुए अगर स्पेलिंग गलत भी
लिख दे तो भी गूगल की वैबसाइट ओपन हो जाती है
इससे भी मजेदार बात ये है की आप www.466453.com
सर्च
करेंगे तो भी आपके सामने गूगल की साइट खुलेगी कारण की गूगल ने इस डोमेन को भी खरीद
लिया है दरअसल आप का मोबाइल किपैड जिसमे अल्फ़ाबेटिक
वर्ड के साथ नंबर भी होते है वहाँ जब आप गूगल टाइप करेंगे तो 466453 नंबरो पर टाइप करना पड़ेगा ऐसे मे अगर
गलती से अल्फ़ाबेटिक वर्ड की जगह नंबर भी टाइप हो जाए तो भी गूगल आपको अपने सर्च
इंजन मे पहुंचा देगा शायद इसी लिए गूगल आज दुनिया मे टॉप पर है
क्या गूगल सिर्फ सर्च इंजन का बादशाह है या पूरे इंटरनेट जगत का?????
आजकल नेट सर्फिंग करने वालो के दिमाग मे सबसे बड़ा यही सवाल है ओर इसका जवाब
जानकर आप भी हेरान रह जाएंगे की गूगल से ऊपर भी कोई है जो आज के वक्त मे इंटरनेट
का बादशाह कहलाता है जिसका नाम है अमेजोंन
जी हाँ गूगल सर्च इंजन बादशाह है बेशक लेकिन इंटरनेट का बादशाह आज भी
अमेजोंन है क्योकि कंपनी की ग्रोथ ओर कमाई की बात करे तो अमेजोंन ने जिस गति से
चढ़ाई की है इसके बारे मे खुद गूगल ने भी नही सोचा होगा वर्ष 2018 तक अमेजोंन ने 232 बिलियन डॉलर की कमाई कर ली थी जो
सालाना इंटरनेट पर किसी भी वैबसाइट द्वारा की गयी अब तक की सबसे ज्यादा कमाई थी अमेजोंन के अलावा माइक्रोसॉफ्ट एपल
दोनों कंपनीया गूगल को बदस्तूर टक्कर दिये जा रही है गूगल को अपना सोशल प्रोडेक्ट Google+ हाल मे बंद करना पड़ा क्योकि सोशल
मीडिया की दुनिया मे मार्क जुकेरबर्ग के
फेसबुक
इंस्टाग्राम ओर व्हात्सप्प ने तहलका मचा रखा है उधर अमेजोंन वेब सर्विस ने गूगल
क्लाउड को बुरी तरह पछाड़ दिया है आपको एक बात ओर जानकर हेरानी हो सकती है की हाल के
आंकड़ो के अनुसार दुनिया मे सबसे अमीर व्यक्ति अमेजोंन के मालिक जेफ़ बेजोस है जबकि
दूसरे नंबर पर माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स सोशल मीडिया के बादशाह मार्क जुकेरबर्ग 8वे पायेदान पर है ओर गूगल के मालिक लेरी पेज 10वे नंबर पर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें